मैं हूँ पहरेदार खुदा की बस्ती का।
यानी फर्ज गुजार खुदा की बस्ती का।।
मुझको आकर सारे भेद बताता है।
एक-एक चोर चकार खुदा की बस्ती का।।
सब कठिनाई हल होती है डंडे से।
डंडा है ग़मखार खुदा की बस्ती का।।
जिस चिड़िया के बच्चे को देखा, निकला।
पक्का रिश्तेदार खुदा की बस्ती का।।
खास किसी इंसां में न देखो भक्त मुझे।
मैं हूँ एक किरदार खुदा की बस्ती का।।
-ठा० गंगाभक्त सिंह भक्त
यानी फर्ज गुजार खुदा की बस्ती का।।
मुझको आकर सारे भेद बताता है।
एक-एक चोर चकार खुदा की बस्ती का।।
सब कठिनाई हल होती है डंडे से।
डंडा है ग़मखार खुदा की बस्ती का।।
जिस चिड़िया के बच्चे को देखा, निकला।
पक्का रिश्तेदार खुदा की बस्ती का।।
खास किसी इंसां में न देखो भक्त मुझे।
मैं हूँ एक किरदार खुदा की बस्ती का।।
-ठा० गंगाभक्त सिंह भक्त
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