Thursday, July 23, 2020

पाण्डवों की जिंन्दगी संकट में है

पाण्डवों की जिंन्दगी संकट में है।
कृष्ण आओ द्रोपदी संकट में है ।।

किससे दिल की बात कहने जाएँ हम।
जो भी मिलता है वही संकट में है।।

आगे आगे चल रहे हैं हादसे।
घर से निकला यात्री संकट में है।।

कौन इस युग में हरेगा दुःख मेरे।
खुद ही इस युग का हरी संकट में है।।

झूठ के सिर पर मुकुट है विक्रमी।
भक्त सच्चा आदमी संकट में है।।

-ठा० गंगाभक्त सिंह भक्त

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