Thursday, July 2, 2020

घर के अंदर बैठे हैं

घर के अंदर बैठे हैं
-------------------

घर के अंदर बैठे हैं
कहिए मालिक, कैसे हैं

सोशल दूरी रखे हुए
जीवित जैसे तैसे हैं

रोज कमाके खाते जो
पता नहीं अब कैसे हैं

फ्रंट लाइन के योद्धा
भी तो अपने जैसे हैं

मानें जादू टोने को
लोग यहाँ के कैसे हैं

सभी नज़ूमी मौन रहे
सोचो वो सब कैसे हैं

धर्मों के घर बंद हुए
कैसे थे अब, कैसे हैं

वैज्ञानिक हल खोज रहे
तब तक बाक़ी बैठे हैं

बात करें जो तर्कों की
कहते ऐसे वैसे हैं

दूर देश से वो वापस
लौटे जैसे तैसे हैं

वो भी खाने को तरसें
जिनकी जेब में पैसे हैं

घर में साजन 'शेफ' हुए
बंद हुए जो 'कैफे' हैं

घायल जिनसे आज हैं वो
शब्द, वाण के जैसे हैं

बैठे ठाले ही 'शेखर'
शेर लिखे जो, कैसे हैं

-वी. के. शेखर

No comments:

Post a Comment